Home राज्य क्यों बोले भावी चीफ जस्टिस- ‘यही सबसे बेहतर सुबह है’? जानें दिल्ली...

क्यों बोले भावी चीफ जस्टिस- ‘यही सबसे बेहतर सुबह है’? जानें दिल्ली धमाके से कनेक्शन

32
0

नई दिल्ली 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार धमाके के अगले ही दिन यानी मंगलवार को जब सुप्रीम कोर्ट में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत जेल में बंद एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई की बारी आई तो उस मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कोर्ट से गुजारिश की कि आज इस मामले की सुनवाई नहीं की जाए।उन्होंने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ से अनुरोध करते हुए कहा कि "कल की घटनाओं के बाद इस मामले में बहस करने के लिए यह सबसे अच्छी सुबह नहीं है।"

इस पर भावी CJI जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, "सख्त संदेश देने के लिए यही सबसे अच्छी सुबह है।" इसके बाद मामले की सुनवाई शुरू हो गई। जब अदालत ने इस बात की ओर इशारा किया कि आरोपी के पास से भड़काऊ सामग्री बरामद हुई है, तो बचाव पक्ष के वकील दवे ने कहा कि केवल इस्लामी साहित्य ही बरामद हुआ है। इसके बाद जस्टिस मेहता ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि आरोपी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था, जिस पर लगभग ISIS जैसा ही एक झंडा दिखाई दे रहा था।

दवे की सारी दलीलें दरकिनार, जमानत अर्जी खारिज
इस पर दवे ने दलील दी कि आरोपी दो साल से ज़्यादा समय से जेल में बंद है, लेकिन अदालत ने उनके इस तर्क को काटते हुए कहा कि उसके खिलाफ आरोप भी तो गंभीर हैं। दवे ने जोर देकर कहा कि कोई आरडीएक्स या विस्फोटक सामग्री उसके पास से बरामद नहीं हुई है और आरोपी 70 फीसदी विकलांग है। इसके बाद पीठ ने जमानत याचिका खारिज कर दी।

दो साल के अंदर सुनवाई पूरी करने का निर्देश
हालांकि,अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि ट्रायल कोर्ट दो साल के अंदर इस मुकदमे की सुनवाई पूरी कर ले। पीठ ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो अभियुक्त जमानत के लिए फिर से आवेदन दे सकता है, बशर्ते कि मुकदमे में देरी उसके कारण न हुई हो। बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत के रिटायर होने के बाद फरवरी 2027 में जस्टिस विक्रम नाथ देश के CJI होंगे। जस्टिस सूर्यकांत इसी महीने CJI बनने जा रहे हैं क्योंकि जस्टिस बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here