राजस्थान-सिरोही के जावाल नगर पालिका में फर्जी पट्टे बांटने पर एक आरोपी गिरफ्तार
सिरोही.
नगर पालिका जावाल में फर्जी पट्टा प्रकरण में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। बरलूट पुलिस द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार के निर्देशानुसार वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाए गए विशेष अभियान के दौरान यह गिरफ्तारी की गई। मामले में सहवाग पुत्र दिनेश कुमार राठौड़ को गिरफ्तार किया गया है।
अब पुलिस इस मामले में अग्रिम जांच कर और जानकारियां जुटा रही है। इससे पूर्व जांच के दौरान प्रार्थी व गवाहों से पूछताछ कर रिकॉर्ड प्राप्त किया गया तथा जारी फर्जी पट्टों के संबंध में एफएसएल जांच करवाई गई, जिसमें उक्त पट्टे फर्जी पाए गए। पुलिस के अनुसार इस मामले में 10 मई 2024 को नगर पालिका शिवगंज, जिला सिरोही के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी महेन्द्र कुमार राजपुरोहित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। वे उस समय अधिशासी अधिकारी नगर पालिका जावाल के पद पर कार्यरत थे। इस अवधि में उसके द्वारा अन्य कार्यों के साथ-साथ अलग-अलग कानूनों में पट्टे भी जारी किए थे, उनके द्वारा अंतिम पट्टा स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत 6 अक्टूबर 2023 को जारी किया था। उसके बाद राजस्थान विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण 6 अक्टूबर 2023 के बाद कोई पट्टा जारी नहीं किया था। इसके बाद उनका स्थानांतरण नगर पालिका शिवगंज में हो गया, जहां उन्होंने अपना कार्य ग्रहण किया था। वह अब तक नगर पालिका शिवगंज में कार्यरत हैं। 8 मई 2024 को वर्तमान अधिशासी अधिकारी नगर पालिका जावाल के एक पत्र के माध्यम से पता चला कि विकास पुत्र मोहनलाल माली निवासी जावाल को जारी पट्टा संख्या 355 दिनांक 13 अक्टूबर 2023 पर अध्यक्ष एवं महेंद्र राजपुरोहित के हस्ताक्षर झूठे होने बाबद तथ्य अंकित किए गए थे। इस पर उन्होंने नगर पालिका कार्यालय जावाल जाकर रिकॉर्ड का अवलोकन किया तो पता चला कि उक्त पट्टे की पत्रावली व अन्य दस्तावेज नगर पालिका जावाल में दर्ज नहीं हैं एवं पट्टे पर उसके हस्ताक्षर फर्जी एवं कूटरचित किए हुए हैं। इसके अलावा यह पट्टा न तो उन्होंने जारी है न ही उस पट्टे पर उन्होंने कभी हस्ताक्षर किए हैं। उसके कार्यकाल में स्टेट ग्रांट एक्ट में प्रस्तुत आवेदन पत्रावलियों का तथा इस एक्ट में जारी पट्टों का इन्द्राज नगर पालिका जावाल के संधारित रजिस्टरों में किया हुआ है। उसके बावजूद इस व्यक्ति एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा उसकी जानकारी व सहमति के बिना फर्जी व कूटरचित तरीके से हस्ताक्षर कर पट्टे प्राप्त किए हैं। इस पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर वृत्ताधिकारी मुकेश चौधरी द्वारा जांच की गई थी।