राज्य

झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के तहत 43 सीटों पर मतदान संपन्न, 64.86 मतदान रहा

रांची
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के तहत 43 सीटों पर बुधवार को मतदान संपन्न हो गया। चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार कुल 64.86 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। यह शाम पांच बजे तक का प्रारंभिक आंकड़ा है। फाइनल आंकड़े में कुछ प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
खास बात यह रही कि दशकों तक नक्सल प्रभावित रहे इलाकों में बंपर वोटिंग हुई। प्रायः सभी क्षेत्रों में महिला और युवा मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया।

प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार सरायकेला-खरसावां जिले की सीटों पर सबसे अधिक 72.19 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया है, जबकि सबसे कम वोटिंग हजारीबाग जिले की सीटों में 59.13 फीसदी दर्ज की गई है।

विधानसभावार मतदान प्रतिशत पर निगाह डालें तो कोल्हान प्रमंडल की खरसावां सीट पर सबसे ज्यादा 77.32 प्रतिशत वोट पड़े हैं। रांची शहरी विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 51.50 मतदाताओं ने ही मताधिकार का इस्तेमाल किया है। जिन अन्य सीटों पर 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है, उसमें बहरागोड़ा में 76.15, लोहरदगा में 73.21, मांडर में 72.13, पोटका में 72.29, सरायकेला में 71.54, सिसई में 71.21 और बिशुनपुर में 70.06 प्रतिशत वोट रिकॉर्ड किया गया है।

इस चरण में 20 सीट अनुसूचित जनजाति और 6 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, जबकि 17 सीट सामान्य हैं। मतदान संपन्न होने के साथ ही कुल 683 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है।

इस चरण के प्रमुख प्रत्याशियों में पूर्व सीएम चंपई सोरेन, उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन, झारखंड सरकार के छह मंत्रियों डॉ. रामेश्वर उरांव, मिथिलेश ठाकुर, बन्ना गुप्ता, दीपक बिरुआ, बैद्यनाथ राम और रामदास सोरेन, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा, ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह, पूर्व मंत्री सरयू राय, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे पूर्व आईपीएस डॉ. अजय कुमार, राज्यसभा की सांसद डॉ. महुआ माजी, पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा, पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही, डॉ नीरा यादव आदि शामिल हैं।

इस चरण में मतदान के लिए 15,344 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जहां सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ था। राज्य में 950 मतदान केंद्र ऐसे रहे, जहां शाम चार बजे तक मतदान कराया गया। निर्वाचन आयोग ने अति संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्णय लिया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button