जेल पहुंचते ही बदल गया एल्विश यादव का हाल, हंसी बंद, खाना-पीना भी छूटा
नई दिल्ली
नोएडा की रेव पार्टी में सांपों के जहर की सप्लाई मामले में फंसे एल्विश यादव को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें सूरजपुर की एक विशेष अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया। गौतम बुद्ध नगर के लुक्सर स्थित जेल के अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने सोमवार को बताया कि एल्विश यादव को रविवार की रात को खाना दिया गया था लेकिन उन्होंने पूरा खाना नहीं खाया। उन्होंने बताया कि एल्विश को आज सुबह नियमानुसार चाय नाश्ता उपलब्ध कराया गया और उन्होंने चाय पी। जेल प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि एल्विश मायूस दिख रहा था और उसने करवट बदलते हुए रात गुजारी। वह काफी बेचैन भी दिखा। बताया जाता है कि सोमवार को सुबह एल्विश के परिवार के सदस्य और समर्थक उनसे मिलने लुक्सर जेल पहुंचे।
एल्विश यादव पिछले साल तीन नवंबर को नोएडा सेक्टर-49 थाने में दर्ज एफआईआर में नामजद छह आरोपियों में से एक है। अधिकारियों ने कहा कि पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं। पुलिस के मुताबिक, मामला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 284 (जहर से संबंधित लापरवाही भरा आचरण) और 289 (जानवरों के संबंध में लापरवाही भरा आचरण) के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था।
ऐसे रेव पार्टी से जुड़ा आरोपी का नाम
पुलिस ने सेक्टर-49 इलाके में रेड की थी। इसी दौरान पांच आरोपी पकड़े गए थे। पुलिस को मौके से 20 मिलीमीटर स्नेक वैनम और नौ जहरीले सांप मिले थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि एल्विश यादव की पार्टी में सांप की सप्लाई होती थी। इसके बाद पुलिस ने एल्विश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसमें बताया गया है कि पार्टी में प्रतिबंधित सांपों और विदेशी लड़कियों की भी एंट्री होती थी। रेव पार्टी आयोजित करने और उसमें सांपों जहर सप्लाई करने के मामले में घिरे एल्विश यादव ने 17 फरवरी को नोएडा पुलिस पर तंज कसा था। इसके बाद जयपुर से आई एफएसएल रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि, जो नमूने भेजे गए थे, उनमें कोबरा के करैट प्रजाति के सांपों का जहर था।
नोटिस देकर बुलाया और कर लिया गिरफ्तार
नोएडा पुलिस ने इसके बाद से जांच को तेजी से आगे बढ़ाया। जयपुर से आई एफएसएल रिपोर्ट के अध्ययन के लिए एक छह सदस्यीय टीम बना दी। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत जितने भी केस देशभर में दर्ज हुए, उनका भी एक टीम ने अध्ययन किया ताकि मामले से जुड़े सारे तथ्यों और सबूतों को जुटाया जा सके। नोएडा पुलिस ने अधिवक्ताओं समेत कानून के जानकारों से भी संपर्क कर विधिक राय ली। जब सारे सबूत को पुलिस ने इकट्ठा कर लिया तो एल्विश को नोटिस देकर बुलाया गया। जैसे ही वह पूछताछ के लिए आया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।