चेहरे पर मुँहासों और दानों के कारण और इलाज: एक्सपर्ट्स का सुझाव
दाग चेहरे पर भले ही लग जाए, चरित्र पर नहीं लगने चाहिए। अगर कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो पिंपल्स की वजह से चेहरे पर भी दाग नहीं लगेंगे। हां, इसके लिए चेहरे पर पिंपल्स यानी मुंहासों की एंट्री रोकनी होगी या फिर बहुत कम करनी होगी। यह कैसे होगा, क्या नहीं करना, अगर पिंपल्स निकल आएं तो क्या करना चाहिए?
5 सबसे खास बातें
अपने चेहरे को दिन में 2 से 3 बार ज़रूर धोएं। खासकर स्कूल, कॉलेज या ऑफिस से आने के बाद।
धोने के लिए साफ पानी, सामान्य साबुन या वॉटर बेस्ड फेसवॉश का इस्तेमाल करना चाहिए। वैसे साबुन से कई बार चेहरे पर ड्राईनेस हो जाती है।
कभी भी पिंपल्स को छेड़ें या फोड़ें नहीं। ऐसा करने से परेशानी में ही इज़ाफा होगा।
जब पिंपल्स निकल रहे हों तो ज़्यादा गर्म तासीर वाली चीज़ों को खाने से बचें। मसलन: ज़्यादा अंडे, नॉनवेज, ऑयली चीज़ें आदि।
कोशिश यह होनी चाहिए कि स्किन में मौजूद ऑयल ग्लैंड से ऑयल निकलने का रास्ता बंद न हो। अक्सर सारी समस्या इस रास्ते के बंद होने से ही पैदा होती है।
दाग अच्छे तब होते हैं, जब वे आसानी से धुल जाते हैं। अगर न धुले तो दाग बुरे ही हैं। कई बार पिंपल्स की वजह से दाग चेहरे पर हो जाते हैं। वैसे ये मुंहासे सिर्फ टीन एजर्स को ही परेशान नहीं करते, ये कभी-कभी नवजात बच्चों को तो कई बार वयस्कों में 30 साल के बाद भी उभर आते हैं। हां, इनकी वजहें अलग-अलग हो सकती हैं। लेकिन अगर ध्यान नहीं दिया गया तो चेहरे पर कभी काले दाग, कभी लाल दाग तो कभी गड्ढे नज़र आ सकते हैं।
मुहांसों को फोड़कर कर दी गलती
रितेश महज 19 साल के हैं। ग्रैजुएशन कर रहे हैं। चेहरे पर होने वाले मुंहासों से परेशान हैं। उन्हें मुंहासे शुरू हुए सालभर से ज़्यादा नहीं हुआ। उनके एक फ्रेंड ने मुंहासों को फोड़ने की सलाह दे दी। उन्होंने एक-दो मुंहासों को फोड़ भी दिया। नतीजा मुंहासे कम होने के बजाए बढ़ने लगे। फिर किसी ने उन्हें बताया कि बाज़ार में पिंपल्स ठीक करने के लिए कई तरह की क्रीम उपलब्ध हैं जिनसे बहुत फायदा होता है। रितेश एक केमिस्ट के पास गए और मुंहासों को ठीक करने के लिए क्रीम खरीदकर ले आए। केमिस्ट ने उन्हें स्टेरॉइड वाली क्रीम पकड़ा दी। रितेश क्रीम को मुंहासों पर लगाने लगे।
कुछ दिन लगाने के बाद भी उन्हें कोई खास फायदा नहीं दिखा। फिर किसी ने उन्हें पिंपल्स पर टूथपेस्ट लगाने की सलाह दे दी। रितेश ने वह भी ट्राई किया। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। अपने मुंहासों की वजह से रितेश ने पार्टी-फंक्शन, शादी आदि में भी जाना बंद कर दिया। उसी दौरान एक करीबी रिश्तेदार की शादी थी। परिवार के लोग ज़िद करके रितेश को उस फंक्शन में ले गए। यह तो गनीमत रही कि उसी शादी में एक डर्मेटॉलजिस्ट भी थे जो रितेश के ही दूर के रिश्तेदार थे।
उन्होंने जब रितेश के चेहरे को देखा और रितेश से बातचीत की तो वह समझ गए कि उसे गलत सुझाव दिया गया है। रितेश को सभी तरह की चीज़ों बंद करने को कहा और एक खास तरह की क्रीम लगाने की सलाह दी जिसमें Glycolic Acid, Kojic Acid भी मौजूद हो। उन्होंने मुंहासे न फोड़ने या नोचने की सलाह दी।
क्यों होते हैं पिंपल्स
कई लोग इसे मुंहासे तो कई फोड़ा-फुंसी भी कहते हैं। इंग्लिश में यह एक्नी के नाम से भी कुख्यात है। जहां तक आयुर्वेद की बात है तो इसे यौवन-कंटक कहा जाता है। पिंपल्स होने की सबसे बड़ी वजह ऑयल ग्लैंड के फ्लो में रुकावट होना है। दरअसल, हमारी त्वचा में सिबेशस ग्लैंड (ऑयल ग्लैंड) मौजूद होता है। इससे सीबम (एक तरह का स्राव) निकलता है। यह ग्लैंड हमारे शरीर के बालों के साथ सुराखों में मौजूद होता है। सीबम में कलेस्ट्रॉल, वैक्स इस्टर्स (एक तरह की वसा) आदि मौजूद होता है। इससे निकलने वाला सीबम हमारी त्वचा को रुखी होने से बचाता है। साथ ही सीबम में एक कम शक्तिशाली एसिड भी मौजूद होता है।
यह हमारी त्वचा पर एक फिल्म (पानी पर साबुन के बुलबुले) की तरह सुराखों को ढक लेता है और बैक्टीरिया व फंगस आदि के लिए एक रुकावट (बैरियर) के रूप में काम करता है। कई बार जब हम अपनी त्वचा चाहे चेहरे की हो या फिर किसी दूसरी जगह की, साफ नहीं रखते तो बालों के सुराखों में मौजूद ऑयल ग्लैंड से ऑयल यानी सीबम का स्राव कम या फिर बंद हो जाता है। इससे उन जगहों पर बैक्टीरिया आदि को बहुत ज्यादा संख्या में पनपने का मौका मिल जाता है। इससे इन ऑयल ग्लैंड्स में इन्फेक्शन हो जाता है। नतीजे के रूप में सूजन के साथ मुंहासे उभर आते हैं। सिबेशस यानी ऑयल ग्लैंड चेहरे पर, कंधों पर, पीठ के ऊपरी हिस्सों, छाती और सिर पर ज़्यादा संख्या में मिलते हैं। इसलिए मुंहासे भी इन्हीं हिस्सों में ही ज़्यादा होते हैं।
क्यों पड़ते हैं चेहरे पर मुंहासे और कैसे करें इन्हें काबू
1. सफाई न करना
पिंपल्स होने की यह सबसे बड़ी वजह है। कोई भी शख्स, किसी भी उम्र में हो, अगर अपने चेहरे को दिन में कम से कम 2-3 बार साफ पानी और साबुन या फेसवॉश से नहीं धोता तो मुमकिन है कि उसके चेहरे पर मुंहासे सूजन और खुजलाहट के साथ मुस्कुराते हुए नज़र आ जाएं। यहां इस बात का भी ध्यान रखना है कि दिनभर में अपना चेहरा साबुन या फेसवॉश के साथ 2-3 बार से ज़्यादा नहीं धोना है। कई लोग 8 से 10 बार चेहरा धोते हैं। इससे चीज़ें बेहतर होने के बजाए बिगड़ ही जाती हैं। यह ठीक वैसे ही है जैसे डॉक्टर ने गुनगुने पानी से गरारे करने को कहा और हमने खौलता हुआ पानी मुंह में डाल लिया हो। हां, अगर सिर्फ सामान्य पानी से बिना साबुन या फेसवॉश के चेहरा साफ करना है तो यह संख्या 5-6 बार तक हो सकती है।