वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरोरा ने दिया पार्टी से इस्तीफा

भिलाई नगर
काफी लंबे समय तक कांग्रेस की सेवा करने वाले पूर्व नगर निगम सभापति एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह अरोरा ने पार्टी को अलविदा कह अपना इस्तीफा पीसीसी को भेज दिया है। इस्तीफा का कारण बताते हुए उन्हें लिखा कि कांग्रेस विधायक, महापौर एवं अध्यक्ष ने उनके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाया है, जिससे व्यथित हो वे पार्टी छोड़ रहे हैं।
ज्ञात हो कि वैशाली नगर विधानसभा में कैम्प क्षेत्र से लेकर शारदा पारा, संतोषी पारा, बैकुंठ नगर से लगे निगम के लगभग 7 वार्डों में राजेंद्र सिंह अरोरा का खासा प्रभाव रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को भेजे गए इस्तीफे में श्री अरोरा द्वारा भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव, महापौर नीरज पाल एवं जिला कांग्रेस कमेटी भिलाई के अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर पर उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने त्यागपत्र में उल्लेखित किया है कि पार्टी में बने रहना उनके लिए अब पीड़ादायक है, लगातार उनके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाई जा रही थी, जिसके कारण मजबूर होकर वे पार्टी छोड़ रहे हैं।
अरोरा ने प्रदेश अध्यक्ष को लिखा है कि जीवन के लगभग 45 साल मैने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की रीति-नीति में चलकर जन सेवा और परोपकार को अपना उद्देश्य माना, लेकिन बीते 4-5 वर्षों में जो कुछ भी भिलाई जिला कांग्रेस कमेटी के जिम्मेदार लोगों ने किया है, यह अत्यंत पीड़ादाई है। ऐसे हालात में कांग्रेस में बने रहना अपने आत्म सम्मान को ठेस पहुँचाने के बराबर है। उन्होंने याद दिलाया कि सन् 1983-84 में मध्यप्रदेश कांग्रेस का सम्मेलन भिलाई के नेहरु सांस्कृतिक सदन सेक्टर-1 में हुआ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन महामंत्री राजीव गांधी की उपस्थिति में मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह द्वारा अरोरा को सर्वोत्तम कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित किया गया। इसके बाद भिलाई नगर युवक कांग्रेस का वो महामंत्री बने, तब अपने अच्छे कार्य के लिए मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश पचौरी के चार बार और बाद में सुरेद्र सिंह ने दो बार बेहतर काम करने के लिए राजेंद्र को सम्मानित किया था। कैम्प क्षेत्र के जनता के साथ मिलकर उन्होंने बैकुंठधाम मंदिर का भव्य निर्माण कर सन् 2000 में प्राण प्रतिष्ठा कराई और यह मंदिर आज पूरे छत्तीसगढ़ में विख्यात है।