राज्य

चुनाव से पहले कांग्रेस के मंत्री धर्म की राह पर

जयपुर.

प्रदेश में विधानसभा चुनावों बेहद रोचक मोड़ पर पहुंचते नजर आ रहे हैं। भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद कई विधानसभाओं में बगावत और विरोध के तीखे स्वर सुनाई दिए। यहां तक कि गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा को भी बगावत थामने के लिए राजस्थान आना पड़ा, लेकिन कांग्रेस की स्थित भी कुछ ठीक नजर नहीं आ रही है। यहां तो टिकट बंटवारे से पहले ही घमासान छिड़ता नजर आ रहा है।

कई दिग्गज नेता इस वक्त सियासत की मुख्य धारा से नदारद नजर आ रहे हैं। जयपुर के दिग्गज जाट मंत्री लाल चंद कटारिया जिन्हें इस वक्त प्रदेश में होने वाले हर बड़े कार्यक्रम की तस्वीर में होना चाहिए था वे राजस्थान छोड़कर उत्तराखंड जा बैठे हैं। हालांकि उनके नजदीकी लोगों का कहना है कि वे धार्मिक मान्यता के चलते अक्सर उत्तराखंड जाते हैं।
सूत्रों की माने तो कटारिया अपनी विधानसभा सीट बदलना चाहते थे लेकिन इसकी उन्हें मंजूरी नहीं मिली। वे चाहते थे कि उन्हें आमेर या फुलेरा से टिकट मिल जाए लेकिन पार्टी उनकी सीट बदलने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया है। गौरतलब है कि लालचंद कटारिया मौजूदा कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। उन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव झोटवाड़ा विधानसभा सीट से जीता था। यहां उन्होंने भाजपा तत्कालीन यूडीएच मंत्री राजपाल सिंह को हराया था। इससे पहले 2013 में इस सीट से उन्हीं के परिवार से रेखा कटारिया चुनाव लड़ीं हार गईं। वहीं 2008 में लालचंद कटारिया भी इसी सीट से चुनाव हार चुके हैं।

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